एक मुल्क था ऐसा जिसमें गाती थी चिड़िया सोने की उसी मुल्क की दशा तो देखो लागत नहीं है बोने की । लहलहाती फसलें थीं भाषा थी कोने कोने की धरा वहां की स्वर्ग सम थी, आज जो लागे रोनी सी ।। जन्मभूमि थी ...
एक मुल्क था ऐसा जिसमें गाती थी चिड़िया सोने की उसी मुल्क की दशा तो देखो लागत नहीं है बोने की । लहलहाती फसलें थीं भाषा थी कोने कोने की धरा वहां की स्वर्ग सम थी, आज जो लागे रोनी सी ।। जन्मभूमि थी ...