हजारों साल नर्गिस अपनी बेनूरी पर रोती है । बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा । किसी शायर ने ये पंक्तियां शायद वर्षा जी के लिए ही लिखी हैं। उनको ईश्वर ने ...
हजारों साल नर्गिस अपनी बेनूरी पर रोती है । बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा । किसी शायर ने ये पंक्तियां शायद वर्षा जी के लिए ही लिखी हैं। उनको ईश्वर ने ...