pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

वही पुरानी साईकिल।

1

वही पुरानी साईकिल, आती अब भी काम, बिना तेल पानी के चलती, लगे न कोई दाम। जितनी तुममें ऊर्जा होगी, उतनी तेज चलेगी, रहती है तत्पर्य सदा ही, सुबह रहे या शाम।। ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Yogendra Gupta
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है