उस बूढ़े पेड़ पर आत्माएँ रहती हैं। मुझे छुटपन से ही दादी लगभग हर उस रोज़ यह याद दिला दिया करती थीं जब मैं उनसे ज़िद करता या रूठकर कहीं बैठा होता। ज़ाहिर है, मैं डरकर अपनी ज़िद छोड़ देता और दादी का काम ...
उस बूढ़े पेड़ पर आत्माएँ रहती हैं। मुझे छुटपन से ही दादी लगभग हर उस रोज़ यह याद दिला दिया करती थीं जब मैं उनसे ज़िद करता या रूठकर कहीं बैठा होता। ज़ाहिर है, मैं डरकर अपनी ज़िद छोड़ देता और दादी का काम ...