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उपकार का बदला अथवा सच्चा प्रेम

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एक सुहावना वन था | चारो ओर हरे-भरे पतो से लदे हुए वृक्ष, कोमल लताए और महकते हुए फुल! जंगल मे वृक्षो पर तरह-तरह के पक्षी रहते थे |वे मीठे-मीठे फल खाते, झरने का पानी पीते और मधुर गीत गाते थे |      ...

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Dhiraj parmar Dhiru
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