पहाड़ियों के बीच बने रिसॉर्ट के कमरे में बैठा वह खिड़की से बाहर देख रहा था।उसकी प्यारी डायरी और कलम वहीं टेबुल पर रखी हुई थी।बहुत देर से सोच रहा था कि कुछ लिखे।पर,शुरूआत हो नहीं पा रही थी।पता नहीं ...
पहाड़ियों के बीच बने रिसॉर्ट के कमरे में बैठा वह खिड़की से बाहर देख रहा था।उसकी प्यारी डायरी और कलम वहीं टेबुल पर रखी हुई थी।बहुत देर से सोच रहा था कि कुछ लिखे।पर,शुरूआत हो नहीं पा रही थी।पता नहीं ...