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उम्मीद

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"मेरी दोस्त अर्चना के भाई घर आए और बोले ,"जल्दी चलो हमारे घर कोई तुमसे मिलने आया है.." मैंने कहा, "मुझसे मिलने आया है तो मेरे घर आना चाहिए था." भैया बोले, "उनका यहाँ आना ठीक नहीं था, जल्दी चलो." ...

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लेखक के बारे में

शिक्षा: एम.ए. (इतिहास) सम्प्रति: सहायक अध्यापक (बेसिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश) ©सर्वाधिकार सुरक्षित

समीक्षा
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    04 ಏಪ್ರಿಲ್ 2017
    कृतिका जी आपने सही कहा आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं किंतु हर आत्महत्या करने वाला कायर नहीं होता जीवन में कुछ स्थितियां ऐसी आ जाती है कि समझदार व्यक्ति भी परिस्थितियों के आगे विवश हो अपनी सुध बुध खोकर ऐसा कर जाता है खासकर तब जब अपना जीवनसाथी भी आपको इस्तेमाल करता हो
  • author
    23 ಜೂನ್ 2021
    आत्महत्या का समर्थक तो मैं भी नहीं हूँ और ऐसे लोगों से कोई विशेष अनुराग भी नहीं रखता जो इस प्रकार पलायन का रास्ता अपनाते हैं। परंतु वर्तमान में परिस्थितियां कुछ ऐसी बन पड़ी हैं कि लगता है इसके अलावा और कोई रास्ता भी तो नहीं...?!? लेकिन आपकी कहानी से कुछ पुश बैक मिला थोड़ा... देखते हैं थोड़ा और लड़ के ज़िन्दगी से
  • author
    16 ನವೆಂಬರ್ 2018
    सच्ची घटना है... और उसको शब्दों में पिरोना... Salute.. 🙌 मार्मिक एवं हृदयस्पर्शी... 😔
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    04 ಏಪ್ರಿಲ್ 2017
    कृतिका जी आपने सही कहा आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं किंतु हर आत्महत्या करने वाला कायर नहीं होता जीवन में कुछ स्थितियां ऐसी आ जाती है कि समझदार व्यक्ति भी परिस्थितियों के आगे विवश हो अपनी सुध बुध खोकर ऐसा कर जाता है खासकर तब जब अपना जीवनसाथी भी आपको इस्तेमाल करता हो
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    23 ಜೂನ್ 2021
    आत्महत्या का समर्थक तो मैं भी नहीं हूँ और ऐसे लोगों से कोई विशेष अनुराग भी नहीं रखता जो इस प्रकार पलायन का रास्ता अपनाते हैं। परंतु वर्तमान में परिस्थितियां कुछ ऐसी बन पड़ी हैं कि लगता है इसके अलावा और कोई रास्ता भी तो नहीं...?!? लेकिन आपकी कहानी से कुछ पुश बैक मिला थोड़ा... देखते हैं थोड़ा और लड़ के ज़िन्दगी से
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    16 ನವೆಂಬರ್ 2018
    सच्ची घटना है... और उसको शब्दों में पिरोना... Salute.. 🙌 मार्मिक एवं हृदयस्पर्शी... 😔