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तुम बिन सब सून

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रूठना भी तुमसे मनाना भी तुमको रूठ जाना भी तुमसे और मान जाना भी तुमसे बातों का सिलसिला अब पहले जैसा नही रहा पर वो प्यार विश्वास तो आज भी वैसा ही हैं वही नाराज़गी वही उदासी तुम्हारी हसीं मेरी ...

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कोमल गुप्ता

मैं लिखती हूं मेरे दिल की खुशी. के लिए किसी की वाह-वाही के लिए नही

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