तू भी चुप है मैं भी चुप हूँ ये कैसी तन्हाई है तेरे साथ तिरी याद आई क्या तू सच-मुच आई है शायद वो दिन पहला दिन था पलकें बोझल होने का मुझ को देखते ही जब उस की अंगड़ाई शर्माई है उस दिन पहली बार हुआ ...
तू भी चुप है मैं भी चुप हूँ ये कैसी तन्हाई है तेरे साथ तिरी याद आई क्या तू सच-मुच आई है शायद वो दिन पहला दिन था पलकें बोझल होने का मुझ को देखते ही जब उस की अंगड़ाई शर्माई है उस दिन पहली बार हुआ ...