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दि परफेक्ट मर्डर

4.4
73145

रविवार शाम : योगेश ने अमर को फ़ोन किया . “मैं रात ९ बजे तक इंदौर पहुँच जाऊँगा. तुम एअरपोर्ट पर मिलने आ जाना. हम वही बात करेंगे” . अमर ने कहा “ठीक है बॉस ..!” रविवार रात : अहमदाबाद से आने वाली फ्लाईट ...

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लेखक के बारे में

Name : Vijay Kumar Sappatti Education : MBA, PG-HRD, PG-MKTG, DEGREE-Economics & English Literature, DIPLOMA in Mining Engineering Job : Marketing Consultant Publications : Two books in Hindi – one for poetry and one for stories Poetry – “ Ujale Chaand Kee Beceni “ Story- “ Ek Thi Maaya “ Many poems and stories published in various national and international magazines [ both in print & electronic medium ] Major Blogs Poems – http://frozenmomentsoflifetime.blogspot.in ,Writings - http://thewritingonwall.blogspot.in

समीक्षा
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    Aakash's Effect
    02 मई 2018
    मर्डर परफेक्ट हो न हो पर कहानी पूरी परफेक्ट है। बस पाठकों को बार-बार लिफ्ट के बंद होने की तरफ ध्यानाकर्षित कराना खलता है। ऐसा लग रहा था कि कहानी में बंद लिफ्ट शायद कोई ट्विस्ट लाये इसलिए बार बार याद दिलाया जा रहा है कि लिफ्ट खराब है पर ऐसा कुछ न हुआ। फिर भी एक परफेक्ट प्लाट पर एक परफेक्ट कहानी।
  • author
    19 जुलाई 2017
    कभी कभी सोच और सच में बहुत फर्क होता है .. ये बात हर इंसान को समझना चाहिए ......? गलत सोच का परिणाम हमेशा गलत ही निकलता है.....? आपने इस बात को कहानी के माध्यम से बढ़िया दर्शाया......
  • author
    AMIT SHAKYA
    02 जनवरी 2017
    mujhe ye kahani itne achi lagi ki iske taref je liye mere paas sabd hi nahi. very nic. story. me ise 5 me se ise 5 no deta hu
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    Aakash's Effect
    02 मई 2018
    मर्डर परफेक्ट हो न हो पर कहानी पूरी परफेक्ट है। बस पाठकों को बार-बार लिफ्ट के बंद होने की तरफ ध्यानाकर्षित कराना खलता है। ऐसा लग रहा था कि कहानी में बंद लिफ्ट शायद कोई ट्विस्ट लाये इसलिए बार बार याद दिलाया जा रहा है कि लिफ्ट खराब है पर ऐसा कुछ न हुआ। फिर भी एक परफेक्ट प्लाट पर एक परफेक्ट कहानी।
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    19 जुलाई 2017
    कभी कभी सोच और सच में बहुत फर्क होता है .. ये बात हर इंसान को समझना चाहिए ......? गलत सोच का परिणाम हमेशा गलत ही निकलता है.....? आपने इस बात को कहानी के माध्यम से बढ़िया दर्शाया......
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    AMIT SHAKYA
    02 जनवरी 2017
    mujhe ye kahani itne achi lagi ki iske taref je liye mere paas sabd hi nahi. very nic. story. me ise 5 me se ise 5 no deta hu