pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

तेज़ाब

4.4
18952

सामाजिक बुराइयों का आइना दिखाती हुई कहानी "तेज़ाब"

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

ढूंढ़ रहा हूँ खुद को मैं इस गली कभी उस गली कहते हैं सब ये पागल है ये पागल है

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Anil Marwal
    26 दिसम्बर 2016
    ak bat khu to apki iss story pr bolne k liye mere pass words ni h.... bhut achi story h sir awesm
  • author
    Tanisha Jain
    26 दिसम्बर 2016
    दिल को छु लेने वाली कहानी है. बहुत खूब लिखा है .
  • author
    26 दिसम्बर 2016
    अच्छी कहानी।बात वही लेकिन कहने का ढंग जुदा। बधाई
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Anil Marwal
    26 दिसम्बर 2016
    ak bat khu to apki iss story pr bolne k liye mere pass words ni h.... bhut achi story h sir awesm
  • author
    Tanisha Jain
    26 दिसम्बर 2016
    दिल को छु लेने वाली कहानी है. बहुत खूब लिखा है .
  • author
    26 दिसम्बर 2016
    अच्छी कहानी।बात वही लेकिन कहने का ढंग जुदा। बधाई