तेरी दुनिया नई नई है क्या रात रोके कभी, रुकी है क्या बदलते रहते हो,मिजाज अपने सुधर जाने से, दुश्मनी है क्या जादु-टोना कभी-कभी चलता सोच हरदम,यों चौकती है क्या तीरगी , तीर ही चला लेते पास कहने को, रौशनी है क्या सर्द मौसम, अभी-अभी गुजरा बर्फ दुरुस्त कहीं जमी है क्या ...
रिपोर्ट की समस्या
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