तेरे बिन उदासी होगी, हर शाम प्यासी होगी सांसे तो चलेंगी पर आंखें रूआंसी होगी!!! बहुत बेख्याली हैं ख्याल किधर हैं ये मेरे हमसफर तेरा ध्यान किधर हैं क़दम दो कदम साथ चल भी ना पाए रहे तो वफा थी संभल ...
प्रेम एक भावनगत विषय हैँ
भावना से हि इसका पोषण है
भावना से हि जीवित हैँ
और भावना से ही विलुप्त होता हैं
मन के भाव ही काव्य हैँ,और
काव्य शब्दों का समूह हैँ
यह भौतिक वस्तु नहीं हैँ,
मन के भाव ही काव्य हैँ और
काव्य ही मन के भाव हैँ
सारांश
प्रेम एक भावनगत विषय हैँ
भावना से हि इसका पोषण है
भावना से हि जीवित हैँ
और भावना से ही विलुप्त होता हैं
मन के भाव ही काव्य हैँ,और
काव्य शब्दों का समूह हैँ
यह भौतिक वस्तु नहीं हैँ,
मन के भाव ही काव्य हैँ और
काव्य ही मन के भाव हैँ
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