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तेरा तुझको अर्पण 🙏

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डरना मनुष्य का जन्मजात स्वभाव है। मनुष्य सदैव भय के साथ जीता है, बस भय के स्वरूप अलग-अलग हैं। कुछ भय तो मनगढ़ंत दंतकथाओं जैसे हैं, जैसे के मरने के बाद नर्क में जाना पढ़ेगा। मनुष्य के बुरे कर्म, जो उसे ...

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लेखक के बारे में
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अवनेश ✍️✍️✍️

मुसाफ़िर हूँ यारो 🚶🚶🚶 ना 🏡 है ना ठिकाना... मुझे चलते जाना है बस चलते जाना 🚶🚶🚶 ✍️✍️✍️

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