pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

बोलने का मन है वो सब जो मैंने यहां पाया है जिन लोगों से दूर होने के ख्याल से मेरी आँखों से नीर छलक आया है। सफर शुरू किया था जब तब मैं बिल्कुल अकेला था अजनबियों से भरा शहर ये लगता भीड़ का मेला था। पर ...