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तत त्वं असि का अर्थ (ऋषि उद्दालक और श्वेतकेतु का संवाद)

4.7
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तत त्वं असि का अर्थ ( ऋषि उद्दालक और श्वेतकेतु का संवाद ) छान्दोग्योपनिषद् की एक कथा है - बात उस समय की है जब धोम्य ऋषि के शिष्य आरुणी उद्दालक का पुत्र श्वेतकेतु गुरुकुल से शिक्षा प्राप्त करके ...

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लेखक के बारे में
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Rajiv Sharma

मेरे द्वारा प्रकाशित रचनाएं सिर्फ संकलन हेतु ही लिखीं गई हैं, किन्तु वह मेरे द्वारा रचित नहीं हैं।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Tulsiram Manhar
    20 मार्च 2020
    बहुत गहन और गुढ़ विषयों की सरलतम विवेचना, उसको अत्यन्त सरल तरीके से समझाना बहुत ही सुंदर संकलन मैं तो आपका यह संकलन पढ़ कर धन्य हुआ, कृतार्थ हुआ... बहुत बहुत धन्यवाद और शुभकामनाएं....!!!
  • author
    Aditya choudhary
    11 अप्रैल 2020
    very good.want to read more and more like this old and inspirational.
  • author
    Arunima Dubey
    06 फ़रवरी 2020
    बहुत सुन्दर प्रसंग, 👌👌🙏💐
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  • author
    Tulsiram Manhar
    20 मार्च 2020
    बहुत गहन और गुढ़ विषयों की सरलतम विवेचना, उसको अत्यन्त सरल तरीके से समझाना बहुत ही सुंदर संकलन मैं तो आपका यह संकलन पढ़ कर धन्य हुआ, कृतार्थ हुआ... बहुत बहुत धन्यवाद और शुभकामनाएं....!!!
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    Aditya choudhary
    11 अप्रैल 2020
    very good.want to read more and more like this old and inspirational.
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    Arunima Dubey
    06 फ़रवरी 2020
    बहुत सुन्दर प्रसंग, 👌👌🙏💐