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तन तो मिट्टी...

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तन तो मिट्टी  अस्तित्व नहीं जिसका फिर   जीवन   महत्वपूर्ण   किसका आत्मा  तो  निराकार  अविनाशी  है फिर जन्म क्या मृत्यु किसकी आती गूढ़ प्रश्न है छुपा  हमारे  उर अंतर में तनिक  करें   चिंतन   ...