pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

तन बूढ़ा मन जवान...

0

तन बूढ़ा मन जवान रहता है यहां हर शख्स परेशान रहता है ठोकरें खाकर यक़ीनन रास्ते अपनाते हैं अक्सर वरना कब तलक एहसास होता है बनते बिगड़ते हालात ए जिंदगी कभी खुश तो कभी मायूस रहता है बेरोजगार के ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
L.n ठाकुर ✍️🌱🌹

टूटी-फूटी कलम हमारी और बिखरती स्याही हैं निकल पड़ा मंजिल पर अपनी और कलम मुस्काई है।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है