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तैयारी जीत की

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बिगुल बज गया है अब दौर ये नया है अब ।। हिंदूस्तान बैठा है घरों में ईलाज ये बड़ा है अब ।। कोई ना निकले घरों से संदेश ये कड़ा है अब ।। हमारे धैर्य की परीक्षा है और धैर्य ही दवा है अब ।। बड़े-बड़ों ...

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लेखक के बारे में
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Deendayal Gour

एक पति, और‌ एक पिता जब से हुआ हूं, मेरे अंदर का बच्चा कहीं खो गया है , कहीं किसी को भी मिले तो कृपा करके मुझसे सौजन्य भेंट हेतु अग्रसर करें ।

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