pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

स्वार्थी रिश्ते

3

अक्सर लोगों के अहसास बदल जाते हैं बात करने के अंदाज़ बदल जाते हैं अपना स्वार्थ निकल जाए तो जो कल तक कहलाते थे खास वो खास बदल जाते हैं.. ना लाओ किसी को दिल के करीब दिल में उतरकर राज़ ले जाते हैं जिसके ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Riya Aggarwal
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है