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स्वप्न

16846
4.3

एक बार राजा विक्रमादित्य अपने शयन कक्ष में गहरी निद्रा में लीन थे। उन्होंने एक सपना देखा। एक स्वर्ण महल है जिसमें रत्न, माणिक इत्यादि जड़े हैं। महल में बड़े-बड़े कमरे हैं जिनमें सजावट की अलौकिक चीज़े ...