ऐसा युद्ध किया उसने, की रणभूमि कांप गया । ऐसा तीर चलाया उसने की, रथ पांच कदम पीछे हट गया । ऐसा शुर वीर है वो जिनका, गुणगान स्वयं कृष्ण करते, वो ऐसा दानी ऐसा प्राणी है, जिस युद्ध में हो जाय गर खड़े, ...
मैं एक कवि और लेखक हूं थोडी बहुत गा भी लेता हूं।
आप मेरे कहानियों में और मेरी कविताओं में अपने आपको देखेंगे मैं छत्तीसगढ़ का निवासी हूं और एक छत्तीसगढ़ कवि और लेखक भी हूं।
प्रतिलिपि में आया हूं आशा करता हूं यहां भी प्यार और सम्मान मिलेगा।
धन्यवाद
सारांश
मैं एक कवि और लेखक हूं थोडी बहुत गा भी लेता हूं।
आप मेरे कहानियों में और मेरी कविताओं में अपने आपको देखेंगे मैं छत्तीसगढ़ का निवासी हूं और एक छत्तीसगढ़ कवि और लेखक भी हूं।
प्रतिलिपि में आया हूं आशा करता हूं यहां भी प्यार और सम्मान मिलेगा।
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बधाई हो! सूर्यपुत्र कर्ण की शुरवीरता की कहानी (कर्ण की कविता) प्रकाशित हो चुकी है।. अपने दोस्तों को इस खुशी में शामिल करे और उनकी राय जाने।