pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

सुरक्षित छत

11797
4.6

बचपन से ही लोगों की मदद करना अच्छा लगता था विहा को। कई बार डांट पड़ चुकी थी उसको कभी घर पर तो कभी टीचर से पर वो चाह कर भी कभी किसी को ना न कह पायी। और आज आज तो हद ही हो गयी,अभी वह सोच भी न पायी थी कि ...