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सुबह पांच बजे......

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कुछ लोगों के जीवन में ऐसी घटनाए बनती हैं, जिसकी वजह वो अपनी जीवन में कभी नहीं जान पाते। फिर वह उसे अपने मन का भय या भरम समझकर उस चीज को भूलनी की कोशिश करते हैं। लेकिन शायद वह उसे भूल नहीं पाते। ...

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लेखक के बारे में
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Pawar Janvi

હું કોઈ સાહિત્યકાર નથી , પણ સાહિત્યકારો માટે માન છે.... હું મરાઠી છું પણ ગુજરાતી ભાષા માટે માન છે....

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