pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

सोशल नेटवर्किंग साइट्स

3
206

असली समाज ये है, जहाँ हम रह रहे हैं। आखिर क्यों हम अपने चारों और एक ऐसा समाज बना रहे हैं जो कृत्रिम है, जिसके मित्रों में से हम मात्र कुछ को ही जानते हैं और वो भी ठीक से नहीं। आखिर क्यों कुछ ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है