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सिर्फ़ एक गलतफहमी--!

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आज फिर पुलिस चौकी के कई चक्कर लगा चुके थे राणा जी। किंतु निराशा ही हाथ लगी थी। दारोगा जी हर बार उन्हें डाँटकर भगा देते। वे अनुनय-विनय करते, रोते हुए दया की भीख माँगते। लेकिन इसका कोई असर नहीं ...