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सिंदूर का तमाशा।

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लोकतंत्र मजबूत कहें,      देते नहीं सबूत। बात समझाने के लिए,  विदेश भेजते दूत।। डेलिगेशन आ गया,     विश्र्लेषण भरपूर। न अपनों को समझाते, उनका कहें कसूर।। राजनीति कर रही,      सिंदूर का तमाशा। सियासत ...

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Yogendra Gupta
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