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श्वान वृत्ति

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3.6

एक कथा है, बोधकथा. एक कुत्ता है. कई दिनों का भूखा है, बहुत भूखा. मानो बरसों बरस से क्षुधित हो, अतृप्त हो, कुंठित हो. सारे जतन करने के बाद भी, सारी जुगत लगाने के बाद भी, उसे कुछ नहीं मिल रहा हो खाने ...