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शून्य

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हर सुबह, मैं एक शून्य से शुरुवात करती हूं, जैसे कुछ था ही नहीं, शून्य यादें, शून्य वादें, बस इस शुन्योताओं में, थोड़ी सी उम्मीदें । हर सुबह, एक शून्य से, शुरू होता है जीवन, पिछला पृष्ठ में, सारे ...