pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

श्रृंगार

पोएम
3284
4.6

मैंने स्वप्न देखा, श्रृंगार किये मैं खड़ी हूँ, तेरी राह देख रही हूँ, तुम अब आओगै , कब आओगै मैंने तेरी काफ़ी आस देखी, तुम नहीं आ पाये अपने कामों मे लगे रहै ​ मैं ये अभिसारिका का ...