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श्री कृष्ण अर्जुन संवाद

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द्वंद घोर एक ओर, एक-एक से कठोर, शोणित की धार कब, प्यास को बुझाएगी। रथ पर है सवार, अर्जुन करे विचार, जाने परिणाम की घ-ड़ी वो कब आएगी। सामने खड़े है तात, गुरु द्रोण भी है साथ, नियति मुझे ये किस, मोड़ तक ...

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रवि शर्मा

एक नया लेखक...आप कवि भी कह सकते है....

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