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* श्री हनुमान जी का सीना चीर कर श्री सीताराम छबि दर्शन कराना *

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*श्री राम दरबार में हनुमान जी का सीना चीर कर सीताराम छबि दर्शन कराना म* ~~~~~~~~~~ लगा हुआ था, राम दरबार ; शोभा न्यारी थी। चहुंओर, आनंद ही आनंद ; प्रजा सुखारी थी।। दिये जा रहे थे, उपहार सभी को ; ...

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मेरे दो गुनाह- मुंह मे जुबान रखना, सिर उठाकर चलना!

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