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short story

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लघुकथा                       विजय उपाध्याय द्वारा आशीर्वाद पापा ! गुडिया के होने वाले ससुराल मेँ जाकर आया हूँ। घर तो बहुत बडा है सुख सुविधाएँ भी सभी है। लडका पढ़ा लिखा कमाऊ है। मगर------- मगर क्या ...

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Vijay Upadhyay
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