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शिव वंदना

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3/७/२३ शिव वंदना डम डम करती डमरू निनाद,शिव का ही गुणगान है। मिलकर सारे भक्तो बोलो ,अपना शिव ही महान है। गले जिनके मुंडमाल मस्तक,अर्धचंद्र विराजमान है। जटाओ में जिसके गंगा खेले,शिव ही तो भगवान है। डम ...

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