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शिव प्रार्थना

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परमपिता नमामी त्वं जगदेकप्रणेतारम्। भक्तानुग्रहकारी त्वं, वन्दे त्वां त्रिनयानम्॥ शूलधरं त्रिनेत्रं च, गंगाधरं मृगाक्षयम्। चन्द्रशेखरं विश्वेशं, नागेन्द्रं पशुपातिम्॥ ध्यायामि शूलपाणिं च, ...

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Shubham Prakash Bharti

लिखता तब हूँ , जब बोल नही पाता ।।

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