pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

शिकायत

54
4.8

सुनो एक शिकायत है तुमसे, बोलूंगी तो क्या मानोगे  उसे। जब जाना ही था जिंदगी से तो, सपना बनकर आए ही क्यों थे।। वीरान सी थी जो जिंदगी उसमें, खुशी की बहार लाए ही क्यों थे चाहतों का जो सिलसिला सा था, हमने ...