pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

शायरी ,, सिर्फ तुम

0

हर वक़्त तुम्हें याद करुँ ऐसा हो नहीं सकता ,मेरी भी कुछ जिम्मेदारिया हैंं , उनसे मे मुँह मोड़ नहीं सकता , कहो तो आ जाऊ जुगनू बन कर , यू अँधेरी घनी काली रातों मे तुम्हें अकेला छोड़ नहीं सकता। मनदीप चौधरी ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Mandeep Choudhary
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है