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शायरी - काजल

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ये जो आँखों का काजल है लगे आकाश का काला बादल है इसके सुरमई गहरे रंग में हुआ ये मेरा दिल भी पागल है यूँ तो ज़िंदगी में आते व्यवधान बहुत हैं, मानवता के जग में संविधान बहुत हैं, एक बार ज़रा मुस्कुरा ...

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anand kumar
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