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किसी ने कहा -  शायरी क्या  है ? मैं -  " शायरी खुद खुशी का धंधा है, अपनी ही लाश अपना ही कंधा है " शायर उस शहर में आईना बेचता है, जहां पूरा शहर ही अंधा है!! ~ ਵਾਨੀ ਉਪਾਧਿਆਏ~