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शायरी

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तीर अदाएं चलाती है, घायल दिल होता है  गुस्ताखियां निगाहें करती है ,बदनाम महफ़िल होता है  यूँ ही नहीं होते फना लोग मोहब्बत में , यूँ ही नहीं होते फना लोग मोहब्बत में  ये शमा ही तो परवाने का कातिल होता ...