तीर अदाएं चलाती है, घायल दिल होता है गुस्ताखियां निगाहें करती है ,बदनाम महफ़िल होता है यूँ ही नहीं होते फना लोग मोहब्बत में , यूँ ही नहीं होते फना लोग मोहब्बत में ये शमा ही तो परवाने का कातिल होता ...
तीर अदाएं चलाती है, घायल दिल होता है गुस्ताखियां निगाहें करती है ,बदनाम महफ़िल होता है यूँ ही नहीं होते फना लोग मोहब्बत में , यूँ ही नहीं होते फना लोग मोहब्बत में ये शमा ही तो परवाने का कातिल होता ...