ठीक उसी वक़्त जब तुम खोज रहे होते हो उनकी आँखों में नमी , वो तुम्हे धता बताते हुए खुल कर हँसती है, बहती हैं नदी की तरह, ओस की तरह गिरती हैं पत्तो पर, पढ़ती हैं कविताएँ, देखती है सपने, करती है प्रेम; ...
ठीक उसी वक़्त जब तुम खोज रहे होते हो उनकी आँखों में नमी , वो तुम्हे धता बताते हुए खुल कर हँसती है, बहती हैं नदी की तरह, ओस की तरह गिरती हैं पत्तो पर, पढ़ती हैं कविताएँ, देखती है सपने, करती है प्रेम; ...