रोज सुबह झक धुली साड़ी के साथ मैचिंग की चूड़ियां पहन के स्कूल बस का इंतजार करती वह प्राइवेट स्कूल की टीचर, रोज सजना सवरना भी नहीं भूलती क्योंकि जिस स्कूल में वह पढ़ाती है नगर के सेठों और अधिकारियों ...
रोज सुबह झक धुली साड़ी के साथ मैचिंग की चूड़ियां पहन के स्कूल बस का इंतजार करती वह प्राइवेट स्कूल की टीचर, रोज सजना सवरना भी नहीं भूलती क्योंकि जिस स्कूल में वह पढ़ाती है नगर के सेठों और अधिकारियों ...