मैं proffesional writer नहीं हूँ। बचपन से कविता कहानी लिखने का शौक था। माननीय कुमार विश्वास जी और पद्म श्री गोपाल दास नीरज जी के साथ भी stage पर कविता पाठ कर चुकी हूँ। लेकिन मेरे बाबा(दादाजी) की मृत्यु से मेरे मन को इतना गहरा दुख पहुँचा कि मेरा लेखन बिल्कुल छूट गया। करीब 10 साल तक मैंने कोई कविता या कहानी नहीं लिखी। मैं बहुत करीब थी अपने बाबा(दादाजी) के। अब प्रतिलिपि को पढ़ कर धीरे धीरे मुझे फिर से प्रेरणा मिल रही है कि मैं फिर से लिखना प्रारम्भ करूँ। थोड़ा बहुत ही लिखा है। अभी लेखनी में वो पहले वाली बात और गहराई नहीं है। लेकिन आशा करती हूं कि आप सभी के प्रोत्साहन से एक बार फिर से मैं अपनी लेखनी को वो पहले वाली धार दे पाऊँगी।🙏
रिपोर्ट की समस्या
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