कुमार भारद्वाज एक व्यवसायी और ट्रेनर होने के साथ साथ लेखक भी है, हिंदी भाषा और कहानियों के प्रति उनका लगाव वर्षों पुराना है, अपनी शोर्ट और लॉन्ग स्टोरीज के माध्यम से वो समाज को सन्देश देना चाहते है, उनका मानना है की आज लोग विशेषकर भारत में बातें तो बहुत करते है पर आगे बढ़कर अपना सहयोग देने से कतराते है, शिकायत करने से कुछ नहीं होता - आज जरुरत है तो उन विषयों पर बात करने की जो माइक्रो लेवल से शुरू हो कर कल हम सभी के जीवन में अपनी इतनी गहरी पैठ बना लेते है की फिर उनसे लड़ना कठिन हो जाता है है