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ससुराल मायका सा क्यों नही हो सकता

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कदम रखा भी नही था,  मां ने संस्कारों को ,  तोहफे में दिया मुझे भूल जाऊं मै फर्ज़ ,सारे मायके के ये कहके बिदा कर दिया, नम आंखों ने मुझे कोई कुछ कह भी दे , उन्हें जबाब न देना क्यों पहली बार ,गलत ...

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Love you Zindagi(poetry) Shivani

मुझे मेरे आत्मसम्मान से प्यार है

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