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सरकारी बाबू

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गाँव में ढोल बज रहा था, सब परिवार वाले झूम झूम कर नाच रहे थे, नाचें भी क्यों न, बेटा जो सरकारी बाबू बन गया था। पिताजी फूले नहीं समा रहे थे, सारा गाँव बधाइयाँ देने आ रहा था। बेटा भी शान से ,प्लास्टिक ...

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Rajeev Suneja
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