कल रात से तीखी याद सरकार की आयी है। कि दुनिया में हमारे दिल पर एक उनकी ही हुकूमत चलती है। जिन्हें लगता है शब्दों से कुछ हासिल नहीं होता, वे मेरे दिल से पूछें…बांधे हुए खड़े हैं हाथ दरबारे-आम में। कभी ...
बधाई हो! सरकार का इस्तक़बाल बुलंद रहे…आपकी सल्तनत फले-फूले…मुहब्बत ज़िंदाबाद! प्रकाशित हो चुकी है।. अपने दोस्तों को इस खुशी में शामिल करे और उनकी राय जाने।