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सपनों की चाशनी और यादों का मुरब्बा

2.3
793

कहने की बात नहीं कि बचपन हर इंसान का अहम् हिस्सा होता हैI इस कहानी सम्मिश्रण को प्रस्तुत करते हुए बहुत हर्ष महसूस हो रहा हैI शायद ये लेख एक निशाँ बन जायेI खैर! जो भी हो शुरुआत सपनों की दुनिया से करना ...

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लेखक के बारे में
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दीपक जी सूरज

एक लेखक के ज़िन्दगी में शब्दों के सिवा और कोई कारगर माध्यम नहीं होता अपने मन के असीम विचारों को संसार में लाने का अर्थात वह विचारों को शब्दों में पंक्तिबद्ध करके नए कहानियों को सृजित करता है साथ हीं वर्तमान में घटित घटनाओं को अप्रत्यक्ष तरीके से समाज में प्रस्तुत करता हैi एक लेखक होना एक गौरव है तो इसमें ज़िम्मेदारियाँ भी हैं i मुंशी प्रेमचंद की कहानियों में सर्वाधिक रूचि हैi और जीवन से जुड़ी कहानियों को लिखना मुझे अच्छा लगता हैi प्रतिलिपि संस्था और पाठकगण के प्यार से मुझे एक नई पहचान मिली है I आप सभी ऐसे हीं प्रोत्साहित करते रहेंI किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत टिप्पणी निषेध हैI

समीक्षा
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  • author
    sumit kumar
    11 மார்ச் 2017
    सपना थोड़ा बोरिंग था, पर खेत वाली कहानी बचपन की यादें ताज़ा कर गयी ...... sundar
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    sumit kumar
    11 மார்ச் 2017
    सपना थोड़ा बोरिंग था, पर खेत वाली कहानी बचपन की यादें ताज़ा कर गयी ...... sundar