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संत कबीर के समस्त दोहे हिंदी में और संस्कृत में

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कबीर के दोहे चाह मिटी, चिंता मिटी मनवा बेपरवाह ।जिसको कुछ नहीं चाहिए वह शहनशाह ॥ अर्थ – कबीरदास जी कहते हैं कि जब से पाने चाह और चिंता मिट गयी है, तब से मन बेपरवाह हो गया है| इस संसार में जिसे ...

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Meenakshi Sharma

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