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संस्मरण

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संस्मरण दोस्तो कुछ बाते दिल पर गहरी छाप छोड़ जाती हैं.... मुझे आज भी याद है वो दिन जब मैं छुट्टियों में अपने मामाजी के घर गई थी..... मैं एक छोटे कस्बे से हूं, तो शहर की चकाचौंध मुझे आकर्षित करती थी। ...

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लेखक के बारे में
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डॉ. दीपा

कोशिश हजार की,आंधियो ने मुझे बुझाने की। पर दीप भी अटल,हर बार ठानी अंधेरों को हराने की।। DR.DEEPA"दीप" (शिक्षिका) मैने अर्थशास्त्र और अंग्रेजी विषय से स्नाकोत्तर, एवं बी.एड., Ph.D. की डिग्री अर्जित की हैं। लिखने का शौक कॉलेज टाइम से शुरू हुआ, अभी तक छह (6) साझा संग्रह प्रकाशित, नेपाल की विश्व प्रतिभा अंतर्राष्ट्रीय सम्मान फाउंडेशन द्वारा "विश्व प्रतिभा अंतर्राष्ट्रीय सम्मान" से सम्मानित, एवं भोपाल इकाई द्वारा "मध्य प्रदेश महिला रत्न" एवम "नारी गौरव सम्मान" से सम्मानित,ऑनलाइन कई सारे प्रशस्ति पत्र प्राप्त कर चुकी हूं। प्रतिलिपि पर लिखना शुरू किया है.....🪔✍️ पढ़कर प्रतिक्रिया अवश्य दे...🪔✍️

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